सोचा था हर मोर पर तुम्हारा साथ देंगे,
सोचा था... हर मोरे पर तुम्हारा साथ देंगे.....
पर क्या करे? कमबख्त सड़क ही सीधी निकली...
मैंने तुम्हारी याद में रो रो के टब भर दिए...
मगर तुम इतने बेवफा निकले की नहाये और चल दिए,,,,,
ख़ुद को कर बुलंद इतना,
की हिमालय की चोटी पर जा पहुचे...
और खुदा तुमसे पूछे,
"अबे गधे", अब उतरेगा कैसे???
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