Kinematics, Thermodynamics with history,
Heat, wave and titration.
देते हैं सिर्फ़ टेंशन
Trigonometry, Complex numbers and gravitation,
पता नही कैसे पागल नही होते IItians
चले गए साइंस के शान,
rutherford, einstien, heisenberg महान।
चले गए छोड़ कर बड़े बड़े सूत्र,
पता नही कौन किसका पिता, कौन किसका पुत्र???
छोड़ कर गए अपने अपने constant..
लगता है की बना के छोडेंगे हमें कांके के Patient...
ये सूत्र दे कर ख़ुद तो चल बसे,
हम सोचते हैं की इनके सूत्र पर रोये या हसे....
किताबो में अपने लेख, सूत्र छपवाकर,
कमाया अपना नाम...
कर दिया हम जैसे मासूम बच्चो का जीना हराम.
मैं ये नही कहता की,
खोज मत करो।
करो, एक बार, दो बार, पर रोज मत करो।
मैं ये नही kahta की खोज करना जरूरी है।
पर यह खोजना जरूरी था,
की 23.5 digri पर झुकी पृथ्वी की धुरी है।
इसके पहले क्या लोग जीते नही थे,
घूँट खुशी के peete नही थे???
अरे Newton Ji को तो मैं भूल ही गया...
उसके कारन ही गुरुत्व का राज खुल गया॥
एक सेव क्या गिरा सर pe झट से,
नियम बना दिया उसने पट से।
क्या उसके पहले किसी के सर पर सेव नही गिरा था???
या Newton ही एक सरफिरा था।
इसके पहले भी लोग जानते थे,
की सेव ऊपर नही, निचे ही गिरता है।
पर किसी बेब्कुफ़ ने अपना लेख नही छपवाया,
फोटो नही खिचवाया, पेटेंट नही करवाया।
अच्छा छोडो Newton, एक टन, दस टन को...
बात करते हैं literature की,
पर नाम सुनते ही literature का,
मेरे शरीर का १०० डिग्री Temperature था।
अब आगे मैं क्या कहूँ??
हिन्दी में sarun, या English me मरुँ????
हमें समझ नही आता, क्या हमने किया पाप है???
ये क्यों मिला हमें ऐसा अभिशाप है???
पता नही कौन किसका बाप है????
इसके शिकार हम और आप हैं॥
Physics, Chemistry aur Maths का कैसा ये आलाप है???
2 comments:
gr8
हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है. नियमित लेखन के लिए मेरी हार्दिक शुभकामनाऐं.
वर्ड वेरिपिकेशन हटा लें तो टिप्पणी करने में सुविधा होगी. बस एक निवेदन है.
Post a Comment